रिश्ते

बहुत समेटना चाहा तुम्हे और तुम्हारे रिश्ते को ,बहुत अनवरत प्रयास किया इस रिश्ते को संभालना जैसे कोई भक्ति हो साधना किया पर नाकाम रही । कमी मुझमें या मेरी किस्मत का या फिर हम बने ही न थे एक दूसरे के लिए । धुंध सी रही हमारे बीच स्पष्ट कुछ भी न था न तुम न तुम्हारी भावनाएं और उस धुंध में खो गया हमारा रिश्ता । मैं ना तो तुम्हे पा सकी न तुम में खो सकी । सिर्फ उन जवाबो को ढूंढती रही जिसके  असल मे जवाब तो तुम्हारे पास ही थे सिर्फ तुम्हारे पास जिसे तुम छिपाते रहे । तुम्हारे जवाब से तकलीफ तो दूर नही होती पर ज़िन्दगी आसान हो जाती .....
        अक्सर कई  रिश्ते इसी तरह शुरू होने से पहले खत्म हो जाते है । आप जब भी किसी के साथ रिश्ता जोड़े बहुत बारीकी से सोच समझ ले और जब एक बार जुड़ जाए पूरी शिद्दत से निभाये ।  आपस मे जुड़ कर लगे कि ज़िन्दगी और ये दुनिया  कितिनि खूबसूरत है । रिश्ते ज़िन्दगी की सबसे बड़ी खूबसूरती है संसार मे इससे बड़ी कोई समृद्धि और ऎश्वर्य नही ........©nishu

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